कोठी के ध्वस्तीकरण के बाद चल-अचल सम्पतियों का हो रहा आंकलन
उतरौला-बलरामपुर । उतरौला में धर्मांतरण और अन्य गंभीर आरोपों के चलते एटीएस की निगरानी में रिमांड पर चल रहे छांगुर वावा उर्फ जमालुद्दीन की आलीशान कोठी पर प्रशासन द्वारा की गई ध्वस्तीकरण कार्रवाई के दौरान कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए है। कोठी की तलाशी और ध्वस्तीकरण के दौरान प्रशासन को एक अरेवियन नस्ल के घोड़े सहित कई विदेशी नस्ल के पालतू पशु मिले है। अधिकारियों के अनुसार, अकेले अरेवियन घोड़े की अनुमानित कीमत लगभग 5 लाख रुपये वताई जा रही है। इसके अलावा भी विदेशी नस्ल के कई पालतू कुत्ते, वकरी और अन्य जानवर वरामद हुए हैं, जिनकी कुल कीमत लाखों रुपये में आंकी जा रही है।
प्रशासन ने वरामद किए गए इन महंगे और संवेदनशील पशुओं को फिलहाल देखभाल के उद्देश्य से स्थानीय जिम्मेदार नागरिकों के सुपुर्द कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि पशुओं की देखरेख, भोजन और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और आगे की कानूनी कार्यवाही के वाद आवश्यक निर्देश के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। जिला प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां छांगुर वावा की संपत्तियों की गहन जांच कर रही है । पहले ही उनकी करोड़ों की अवैध कोठी को ध्वस्त किया जा चुका है और अव वारी अन्य चल-अचल संपत्तियों की है। धार्मिक आस्था की आड़ में कथित तौर पर धर्मांतरण, हवाला फंडिंग, लव जिहाद और आतंकियों से रिश्ते जैसे गंभीर आरोपों से घिरे छांगुर वावा की कोठी से मिले महंगे पशु अव स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय वने हुए है।
लोगों का कहना है कि वावा की कोठी के अंदर की चकाचौध और ऐश्वर्य ने सबको चौका दिया है। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की ओर से आगे भी जांच की जा रही है। अधिकारियों ने वताया कि सभी जव्त सामग्रियों और पशुओं का पूरा विवरण तैयार किया जा रहा है और कानूनी प्रक्रिया के तहत उनकी स्थिति तय की जाएगी।
यह घटनाक्रम यह सावित करता है कि धर्म और श्रद्धा के नाम पर आमजन को गुमराह करने वाले कथित वावाओं के पीछे कैसे काले कारोवार छिपे हो सकते है । प्रशासन की तत्परता और सख्ती ने इस पूरे मामले को वेनकाव कर दिया है।
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